साँस की समझ
Apr 27, 2021
एक अरसा हुआ हाथ लगाए,
पूछों ना क्या या किसको,
तुम्हें नहीं , नाहीं किसी जाम को,
अपनी कलम के कलाम को,
ये सुर्ख़ काग़ज़ भी जाने क्यूँ देख रहा,
लाल रंग, इसे भी पसंद नही शायद,
छोटे बालक के जैसे, इसे भी,
भूख प्यास पसंद नहीं शायद!!